हर साल नॉर्थ कोरिया से भागकर हजारों शरणार्थी साउथ कोरिया में शरण लेते हैं. नॉर्थ कोरिया से भागकर आए यही लोग वहां जरी किम जोंग उन के क्रूर शासन के किस्से भी सुनाते रहे हैं. साउथ कोरिया के सियोल में रह रहीं ऐक्ट्रेस नारा कांग भी इन्हीं भाग कर आए लोगों में से एक हैं. हालांकि नारा ने दावा किया है कि नॉर्थ कोरिया के युवा भी इस शासन से तंग आ चुके हैं और नए-नए तरीकों से विरोध जता रहे हैं.
नारा के मुताबिक नॉर्थ कोरिया में रेड लिपस्टिक प्रतिबंधित है और इसे लगाकर घूमना किसी सपने की तरह है. CNN से बातचीत में 22 साल की नारा ने बताया कि नॉर्थ कोरियन सरकार रेड लिपस्टिक को कैपिटलिज्म का प्रतीक मानती है और इसलिए इस पर बैन लगाया गया है. नारा के मुताबिक इस सब से तंग आकर ही उन्होंने नॉर्थ कोरिया छोड़ने का फैसला लिया था.
रेड लिपस्टिक, अंगूठी, ब्रेसलेट सब बैन!
बता दें कि सिर्फ रेड लिपस्टिक ही नहीं कई अन्य तरह के मेकअप भी नॉर्थ कोरिया में प्रतिबंधित हैं. नारा बताती हैं कि वहां महिलाएं होठों पर कोई पारदर्शी जेल या ज्यादा से ज्यादा पिंक कलर की लिपस्टिक ही लगा सकती हैं. इन सभी बातों पर कंट्रोल करने के लिए बाकायदा मेकअप पुलिस भी बनाई गई है. नारा के मुताबिक अगर नॉर्थ कोरिया में आप मेक अप करना चाहते हैं तो आप अपनी जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं क्योंकि लोकल लोग ही आपकी आलोचना करने लगते हैं, साथ ही हर 10 मीटर पर आपको मेक अप पुलिस की पेट्रोलिंग टीम मिल जाएगी. नॉर्थ कोरिया में अंगूठी, ब्रेसलेट पहनना भी मन है साथ ही तय हेयर स्टाइल में से ही किसी एक को चुनना होता है. यहां महिलाएं बाल खोलकर भी नहीं घूम सकतीं.
मेकअप पुलिस से बचना नामुमकिन!
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2010 से 2015 के बेच नॉर्थ कोरिया छोड़कर आए कई लोगों ने बताया कि वहां मिनी स्कर्ट, ग्राफिक शर्ट, ऐसा कोई कपड़ा जिस पर अंग्रेजी में कुछ लिखा हो या फिर टाइट जींस भी प्रतिबंधित है. पहली बार इन नियमों का उल्लंघन किए जाने पर शहर के किसी चौराहे पर खड़ा कर बेइज्जती की जाती है. दूसरी बार में मजदूरी की सजा और बार-बार करने पर इसे सरकार के खिलाफ विद्रोह भी माना जा सकता है. नॉर्थ कोरिया में सरकार के विरोध को सबसे बड़ा अपराध माना जाता है और इसकी सजा मृत्यु दंड है.
ब्लैक मार्केट से ब्यूटी प्रोडक्ट खरीद रहे हैं युवा
नॉर्थ कोरिया में अमेरिका-यूरोप से आए प्रोडक्ट्स का एक बड़ा ब्लैक मार्केट भी पनप रहा है. इस तरह के मार्केट में राशन, कपड़े, ब्यूटी प्रोडक्ट्स, फ़िल्में और इलेक्ट्रोनिक सामन मिलता है. नॉर्थ कोरिया ने इसी के मद्देनज़र विदेशी फ़िल्में, म्यूजिक बैन किया है और CDs, USBs, SD कार्ड भी चुनिंदा लोगों के पास ही होते हैं. हालांकि साल 2010 में नॉर्थ कोरिया से भाग कर आईं ज्वैलरी डिजाइनर जू यांग बताती हैं कि वहां भी युवा पीढ़ी ने वर्ल्ड सिनेमा और टीवी कल्चर तक पहुंच बनाने के लिए कई रास्ते ढूंढ लिए हैं. ब्लैक मार्केट के जरिए साउथ कोरियन टीवी शोज की बड़ी मांग है और ये नॉर्थ कोरियन युवाओं में काफी प्रचलित भी हैं.
रेड लिपस्टिक बनी विरोध का प्रतीक
नॉर्थ कोरियन कल्चर एक्सपर्ट और डोंग-ए यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर डोंग वान कांग बताते हैं कि बीते 10 सालों में नॉर्थ कोरियन सरकार ने लोगों के लाइफस्टाइल को पूरी तरह कंट्रोल करने के लिए काफी मेहनत की है. हालांकि साउथ कोरियन कल्चर के प्रभाव से नॉर्थ कोरिया के युवा बच नहीं पाए हैं और सरकार इसी से सबसे ज्यादा चिंतित है. इसी बीच मेक अप खासकर रेड लिपस्टिक लगाना नॉर्थ कोरिया में सरकार के खिलाफ विरोध के प्रतीक के तौर पर भी सामने आई है.