डायबिटीज (Diabetes) लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारी है. टाइप-1 डायबिटीज (Diabetes, Suger) एक गंभीर व चुनौतीपूर्ण बीमारी है, जो अक्सर बच्चों पर हमला करती है. हिंदुस्तान ई-पेपर में छपी खबर में हाल ही में हुए एक नए शोध का हवाला देते हुए लिखा है कि परिवार का समर्थन मिलने से युवा वयस्कों की इस बीमारी में सुधार हो सकता है. यह अध्ययन जामा नेटवर्क ओपन नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
परिवार के सपोर्ट से मिलती है मदद:
अध्ययन में यह बात सामने आई है कि 30 वर्ष से कम उम्र के जिन लोगों को टाइप 1 डायबिटीज है, अगर उनके परिवार से अच्छे संबंध हैं, तो उनके सही होने की संभावना बढ़ जाती है. न्यूयॉर्क के कूपरस्टाउन में कोलंबिया-बैसेट प्रोग्राम के शोधकर्ता डॉ. रॉबर्ट व्हिटेकर ने कहा, टाइप 1 डायबिटीज कुछ परिवारों को तोड़ सकता है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की देखभाल करने वाले लोग इससे विचलित हो सकते हैं. इसलिए माता-पिता को पूरी तरह से बच्चे के संपर्क में रहना बेहद जरूरी है.
खाने-पीने का रखें विशेष ध्यान :
न्यूयॉर्क के मोंटेफोर हॉस्पिटल में डॉ. मौली रेगेलमैन ने कहा, मधुमेह को सही करने के लिए ब्लड शुगर और इंसुलिन पर लगातार नजर रखना जरूरी है. डायबिटीज के मरीजों को अपने खाने, ब्लड शुगर के स्तर, शारीरिक गतिविधि के स्तर और इंसुलिन की खुराक पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
फाइबर युक्त आहार का करें सेवन:
डायबिटीज से पीड़ित लोगों को अक्सर एक निर्धारित आहार लेना चाहिए और साथ ही व्यायाम को अपने डेली रूटीन में शामिल करना चाहिए. डायबिटीज के रोगियों को ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिनमें फाइबर भरपूर मात्रा में हो. प्याज में पाए जाने वाले कई तरह के फ्लेवोनोइड्स डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद करते हैं.