महामारी के बीच लोगों को आ रहे हैं कोरोना वायरस के सपने, ऐसे पा सकते हैं निज़ात

क्या आपको कोरोना वायरस (Coronavirus) के सपने (Dream) आ रहे हैं. तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि वर्तमान के हालातों में आप अकेले व्यक्ति नहीं है जिसे इस तरह के सपने आ रहे हैं. जी हां देश दुनिया में कई ऐसे लोग हैं जिन्हें कोरोना वायरस से जुड़े सपने आ रहे हैं.

कुछ लोग इसके बार में सोशल नेटवर्किंग साइट्स (Social Networking Site) पर भी शेयर कर रहे हैं. ट्विटर पर एक यूजर ससारा स्काचनर ने लिखा, 'मैंने सपने में देखा कि मैंने एक उबर गाड़ी बुलाई, लेकिन उसकी जगह एक शववाहन आ गया. ये पैनडेमिक सपने अच्छे नहीं लग रहे.' विशेषज्ञों के अनुसार ये गुप्त प्रतिक्रियाएं सामान्य हैं. दिन के दौरान हम जो तनावपूर्ण जानकारी लेते हैं, उसे समझने के बाद दिमाग में नेगेटिव मैसेज जाता है और बुरे सपने आ सकते हैं.

ऐसा होना सामान्य हैः विशेषज्ञ

येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के स्लीप मेडिसिन विशेषज्ञ (Sleep medicine specialist) डॉक्टर मेयर क्राइगर ने कहा, ये महामारी एक ऐसी घटना है जिसे पहले किसी ने अनुभव नहीं किया है. और यह संभव है कि उनका दिमाग एक ऐसा समय खोजने की कोशिश कर रहा है जब चीजें ऐसी नहीं थीं. यह तब होता है जब कभी-कभी लोग सो जाते हैं और वे अपने दिमाग को बंद नहीं कर पाते हैंकैसे पाएं ऐसे सपनों के छुटकारा

सकारात्मक भावनाएं सोशल मीडिया और खबरों पर ज्यादा समय व्यतीत न करें और समसामयिकी की जानकारी के लिए दिन में सिर्फ एक बार खबरें सुनें. अपने घर और परिवारजनों की मदद करें और उन्हें उत्साहित करते रहें.

खुद को करें बिजी

लॉकडाउन के दौरान पूरे दिन व्यस्त रहने के लिए एक दिनचर्या निर्धारित करें. कार्यों में व्यस्त रहने से शरीर में सकारात्मक हार्मोन पैदा होते हैं, जो डर और परेशानी को दूर करने में मदद करते हैं. कसरत, संगीत, इनडोर खेलों में खुद को व्यस्त रखें.

संबंधों पर दें ध्यान

भागदौड़ के कारण लोग अक्सर संबंधों पर ध्यान नहीं दे पाते. इस समय में अपने परिवारजनों और अपने पड़ोसियों के साथ अच्छा संबंध रखें. शारीरिक रूप से दूर रहें, लेकिन लोगों के साथ भावनात्मक रिश्ता बनाए रखें. सोशल मीडिया के द्वारा लोगों के संपर्क में रहें.

क्या है सपनों के पीछे का विज्ञान

नॉर्थम्ब्रिया यूनिवर्सिटी के मनोविज्ञान के प्रोफेसर जासॉन इलिस ने कहा, शोधकर्ताओं को अब तक पता नहीं की सपने क्यों आते हैं. लेकिन, इसके बारे में कुछ सिद्धांत दिए गए हैं. इसका एक विकासवादी सिद्धांत है जो कहता है कि हम सुरक्षित वातावरण में विभिन्न परिदृश्यों को आजमाने के लिए सपनों का उपयोग करते हैं, जो वास्तविक जीवन में चुनौतीपूर्ण या खतरनाक हो सकता है. अपने परिवार, काम और मानसिक परेशानियों के साथ एक महामारी के तनाव के कारण ऐसे परेशान करने वाले सपने आते हैं क्योंकि सपने न सिर्फ परिस्थितियों का सामना करने में मदद कर सकते हैं बल्कि वास्तविकता को भी प्रतिबिंबित कर सकते हैं. इस तरह के सपनों से दिमाग की परिस्थिति को झेलने की क्षमता मजबूत होती है.